Make In India yojana, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को ने शुरू किया था। इस योजना का मुख्य लक्ष्य विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना और घरेलू कंपनियों (खासकर छोटी कंपनियां) को भारत में उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
Table of Contents
Make In India yojana के मुख्य उद्देश्य
- भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना।
- विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- घरेलू उत्पाद में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की हिस्सेदारी को वर्ष 2022, 16% से बढ़ाकर 25% करना।
- भारत में घरेलू उत्पादों को बढ़ाकर आयात पर निर्भरता को कम करना।
Make In India yojana की विशेषताएं:
- विदेशी निवेशको को आकर्षित करने के लिए नीतियों को सरल और उदार बनाया गया है, जिससे कई क्षेत्रों में विदेशी निवेश (FDI) की सीमा बढ़ाई गई है।
- व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल और तेज किया गया है, जिसमें ऑनलाइन पोर्टल्स और एकल विंडो सिस्टम का उपयोग शामिल है। इससे “ease of doing business” में सुधार हुआ है।
- ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस’ सिस्टम के तहत विभिन्न मंजूरी और लाइसेंस एक ही स्थान से प्राप्त किए जा सकते हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है।
- नई सड़कें, रेल मार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे और औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे निवेशकों और उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा सके।
Make In India yojana के लाभ
- इस योजना के तहत नई फैक्ट्रियों के खुलने से बहुत सारे रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- देश में उत्पादन बढ़ने और विदेशी निवेश आने से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
- नई तकनीक और इनोवेशन अपनाने से भारतीय कंपनियों की कंपटीशन बढ़ेगा ।
- मेक इन इंडिया के तहत अलग-अलग क्षेत्रों और राज्यों में फैक्ट्रियों के खुलने से हर जगह समान विकास होगा।
- सबसे महत्वपूर्ण रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
- नई तकनीकों और इनोवेशन को अपनाने के लिए घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करना।
Make In India yojana के तहत प्रमुख क्षेत्र
Make In India yojana के तहत 25 ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें निवेश और विकास को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा।
रसायन (Chemical Industry) | तेल और गैस (Oil and gas) | पर्यटन और आतिथ्य (Tousism) |
ऑटोमोबाइल (Automobile Industry) | खनिज (Minerlas) | कल्याण (Welfare) |
टेक्सटाइल्स और गारमेंट्स (Textile and Garments) | मीडिया और मनोरंजन (Media Communication) | फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals) |
पोर्ट्स और शिपिंग (ports and shipping) | चमड़ा (Leather) | तापीय उर्जा (Thermal Energy) |
रेलवे (Railway) | इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियाँ | कपड़ा और परिधानों |
डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग Defence manufacturing) | इलेक्ट्रिकल मशीनरी | अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान (Space and Science Tech) |
खाद्य प्रसंस्करण (Food Ingredients) | निर्माण (Construction) | सड़क और राजमार्ग (Roadways) |
विमानन (Aviation) | जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) | नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) |
आईटी और बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (IT and Business process Mgmnt) |
READ MORE YOJANA UPDATES:
Make In India yojana का लाभ कैसे प्राप्त करें
Make In India yojana के लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- सबसे पहले आप अपने व्यवसाय को पंजीकृत करें और सभी आवश्यक लाइसेंस और जरूरी अनुमतियां प्राप्त करें।
- मेक इन इंडिया योजना के तहत विभिन्न सरकारी नीतियों और कंपनियों को बढ़ावा देने की जानकारी प्राप्त करें।
- अपने उद्योग से संबंधित विशेष रियायतो जैसे टैक्स में छूट, सब्सिडी आदि की जानकारी प्राप्त करें।
- मेक इन इंडिया योजना के तहत विभिन्न सरकारी पोर्टल्स और वेबसाइट्स पर जाकर जानकारी प्राप्त करें।Click Here
- विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उन बैंकों और वित्तीय संस्थानों में आवेदन करें।
- सरकारी और निजी परामर्श सेवाओं का उपयोग करें जो आपको मेक इन इंडिया योजना के तहत उपलब्ध लाभों के बारे में बताएगी।
Make In India yojana के तहत पात्रता/Eligibility
- आप भारतीय हो या विदेशी आपकी कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग या सेवा (Service) संचालन भारत में ही होना चाहिए।
- आपके उत्पाद का कम से कम 20% हिस्सा भारत में बनना चाहिए।
- क्लास-I स्थानीय सप्लायर: जिनके उत्पादों में 50% या ज्यादा भारतीय सामग्री हो।
- क्लास-II स्थानीय सप्लायर: जिनके उत्पादों में 20% से अधिक लेकिन 50% से कम स्थानीय सामग्री हो।
आवश्यक दस्तावेज:
- GST पंजीकरण प्रमाणपत्र
- निगमन प्रमाणपत्र
- GeM (Government e-Marketplace) बिड दस्तावेज
- भारतीय सामग्री के प्रतिशत के साथ उत्पादों की सूची
- कच्चे माल और सेवा की लागत का ब्रेकअप
- भारत में निर्माण सुविधाओं का पता और विवरण
- उपयोग की गई मशीनों और उपकरणों की खरीद बिल
- आपूर्तिकर्ता से प्राप्त खरीद बिल
For more information Direct Link- Click Here
FAQs
मेक इन इंडिया की शुरुआत कब हुई थी?
मेक इन इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को ने शुरू हुई थी।
मेक इंडिया का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है साथ ही विदेशी निवेशकों और घरेलू कंपनियों (खासकर छोटी कंपनियां) को भारत में उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
मेक इन इंडिया में कितनी योजनाएं हैं?
Make In India yojana के तहत 25 ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें निवेश और विकास को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा।
मेक इन इंडिया के चार स्तंभ क्या है?
नई मानसिकता, नए क्षेत्र, नया बुनियादी ढांचा और नई प्रक्रियाएं।